कोट्रुक गांव के पंचायत अध्यक्ष के अनुसार, रविवार को दोपहर करीब 2 बजे सशस्त्र उग्रवादियों ने गोलीबारी शुरू की। उस समय गांव के स्वयंसेवक संवेदनशील क्षेत्रों में नहीं थे। उग्रवादियों द्वारा भारी गोलाबारी के कारण कई घर भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। जब गोलीबारी और बमबारी शुरू हुई, तो गांववाले अपने घरों में थे।
मणिपुर फिर से हिंसा और गोलीबारी से हिल गया है। इस बार कुकी उग्रवादियों ने ड्रोन से गाँव पर बमबारी की है। इसे हालिया हिंसा में सबसे चौंकाने वाली प्रवृत्ति माना जा रहा है। उग्रवादियों ने पहाड़ी की चोटी से कोट्रुक और कडंगबंद घाटी के निचले क्षेत्रों को निशाना बनाया और पहले अंधाधुंध गोलीबारी की, फिर ड्रोन से भारी बम गिराए। अचानक हुए इस हमले से गांव में दहशत फैल गई और लोग अपनी जान बचाने के लिए सुरक्षित जगहों की तलाश करते नजर आए। इस हमले में दो लोगों की मौत हो गई। दो सुरक्षा कर्मियों सहित 9 अन्य लोग घायल हुए हैं।
कोट्रुक गांव के पंचायत अध्यक्ष के अनुसार, रविवार को दोपहर करीब 2 बजे सशस्त्र उग्रवादियों ने गोलीबारी शुरू की। उस समय गांव के स्वयंसेवक संवेदनशील क्षेत्र में नहीं थे। उग्रवादियों द्वारा भारी गोलाबारी के कारण कई घर भी क्षतिग्रस्त हो गए। जब गोलीबारी और बमबारी शुरू हुई, तो गांववाले अपने घरों में थे। स्थानीय निवासी लेशांगथम रोनी ने कहा कि यह हमला ठीक 10 दिन बाद हुआ जब गांव के स्वयंसेवकों को उस क्षेत्र से वापस बुलाया गया था। राज्य सुरक्षा बलों की सलाह के बाद हमने अपने गांव से स्वयंसेवकों को वापस बुला लिया था। हमारी एक महिला को गोली मार दी गई और उसकी बेटी घायल हो गई।
घटना से नाराज ग्रामीण!
कोट्रुक गांव के लोगों ने इस घटना पर नाराजगी व्यक्त की है। उनका कहना है कि राज्य सरकार द्वारा कई बार शांति बहाल करने के आश्वासन के बावजूद, हम सुरक्षित नहीं हैं। स्थानीय महिला निगरानी समूह की सदस्य, निंगथौजाम टोमलेई ने कहा कि राज्य सरकार बार-बार दावा करती है कि शांति बहाल हो गई है, लेकिन हम अभी भी हमलों के डर में जी रहे हैं। हम वास्तव में कब सुरक्षित होंगे?
इंफाल वेस्ट जिले में कर्फ्यू
मणिपुर गृह विभाग ने इसे राज्य की शांति के लिए खतरा बताते हुए इसे एक जघन्य आतंकवादी कृत्य करार दिया है। इस बीच, स्थानीय प्रशासन ने इंफाल वेस्ट जिले में कर्फ्यू लगा दिया है। मणिपुर सरकार ने हमले की निंदा की है और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
ड्रोन, बम और अति-आधुनिक हथियारों से हमला
मणिपुर गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि राज्य सरकार को जानकारी मिली है कि यह घटना कथित तौर पर कुकी उग्रवादियों द्वारा अंजाम दी गई थी। कोट्रुक क्षेत्र के निहत्थे ग्रामीणों पर ड्रोन, बम और कई अति-आधुनिक हथियारों से हमला किया गया है, जिसमें एक महिला सहित दो लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। राज्य सरकार ने निहत्थे ग्रामीणों को आतंकित करने वाले इस कृत्य को बहुत गंभीरता से लिया है। सरकार राज्य में सामान्य स्थिति और शांति लाने के हर संभव प्रयास कर रही है।
एन बीरेन सिंह सरकार ने आगे कहा कि इंफाल वेस्ट के कोट्रुक गांव पर हुए हमले में शामिल लोगों को दंडित करने और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
कुकी उग्रवादियों ने हाई टेक ड्रोन से किया हमला
इस हमले के बारे में मणिपुर पुलिस द्वारा दी गई जानकारी बहुत ही चौंकाने वाली है। पुलिस ने दावा किया है कि कुकी उग्रवादियों ने हाई टेक ड्रोन का इस्तेमाल किया है। ऐसे ड्रोन केवल युद्धों में ही उपयोग किए जाते हैं। हमलावरों को सामान्य नहीं कहा जा सकता। इन ड्रोन से हमला करने के लिए अत्यधिक प्रशिक्षित और तकनीकी रूप से विशेषज्ञ होना आवश्यक है। यानी इस पूरे मामले में बड़ी साजिश से इनकार नहीं किया जा सकता।
पुलिस ने बताया, हमला कितना घातक था?
मणिपुर पुलिस ने X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा, हमला इंफाल वेस्ट के कोट्रुक क्षेत्र में हुआ है। कथित कुकी आतंकवादियों ने हाई टेक ड्रोन का इस्तेमाल करते हुए कई आरपीजी (रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड) लगाए। ये ड्रोन बम आमतौर पर युद्धों में इस्तेमाल किए जाते हैं। सुरक्षा बलों और नागरिकों के खिलाफ विस्फोटक लगाने के लिए ड्रोन का उपयोग एक महत्वपूर्ण वृद्धि का संकेत दे रहा है। इस घटना में तकनीकी विशेषज्ञों और अत्यधिक प्रशिक्षित पेशेवरों की भागीदारी से इनकार नहीं किया जा सकता। अधिकारी स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए हैं। पुलिस किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। पुलिस ने आम जनता से संयम बनाए रखने की अपील की है।
हमले में मरने वालों में स्थानीय नागरिक नंगबम सुरबला (31 वर्ष) की गोली लगने से मौत हो गई। जबकि उनकी 8 वर्षीय बेटी के हाथ में चोट लगी है। एक महिला की अभी पहचान नहीं हो पाई है। इस घटना में 2 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। कुल 9 लोग घायल हुए हैं। पुलिस ने बताया कि घायल हुए 9 लोगों में से 5 को गोली लगी है। वहीं, बाकी लोग बम विस्फोट में घायल हुए।
मणिपुर के डीजीपी ने आधिकारिक आदेश में कहा है कि सुरक्षा बलों के बीच उचित समन्वय किया जाए और किसी भी अनहोनी को रोकने के लिए संयुक्त तलाशी अभियान चलाया जाए। डीजीपी ने सभी एसपी को सभी सीमा क्षेत्रों में सतर्क रहने का निर्देश दिया है।
मणिपुर में पहली बार हिंसा 3 मई, 2023 को भड़की थी। यहां आरक्षण को लेकर कुकी और मैतेई समुदाय के बीच विवाद चल रहा है। अब तक हिंसा में 226 लोगों की मौत हो चुकी है। 1100 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं। 65 हजार से अधिक लोग अपने घर छोड़ चुके हैं। मणिपुर में मैतेई आबादी लगभग 53 प्रतिशत है, जो मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है। जबकि नागा और कुकी सहित आदिवासी समुदाय लगभग 40 प्रतिशत हैं और मुख्य रूप से पहाड़ी जिलों में रहते हैं।