प्रधानमंत्री मोदी ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की, हाल के अपने बयानों में उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सुरक्षा और त्वरित न्याय सर्वोच्च प्राथमिकता हैं
हाल के हफ्तों में तीसरी बार महिला सुरक्षा का मुद्दा उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को महिलाओं और बच्चों को निशाना बनाकर किए जाने वाले अपराधों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई का आह्वान किया।
उनकी यह सख्त टिप्पणी कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार और हत्या तथा मुंबई के पास बदलापुर में दो चार वर्षीय स्कूली लड़कियों के यौन शोषण के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के बाद आई है। जिला न्यायपालिका के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “आज महिलाओं के खिलाफ अत्याचार, बच्चों की सुरक्षा… समाज की गंभीर चिंताएं हैं।”
उन्होंने कहा, “देश में महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई सख्त कानून बनाए गए हैं, लेकिन हमें इसे और अधिक सक्रिय बनाने की जरूरत है। महिलाओं के खिलाफ अत्याचार से जुड़े मामलों में जितनी तेजी से फैसले लिए जाएंगे, आधी आबादी को सुरक्षा का उतना ही भरोसा मिलेगा।” महिलाओं की सुरक्षा पर प्रधानमंत्री की टिप्पणी कोलकाता बलात्कार-हत्या मामले पर देशव्यापी आक्रोश के मद्देनजर आई है।
पिछले हफ़्ते मोदी ने महिलाओं के खिलाफ़ अपराध को अक्षम्य पाप बताया था और कहा था कि दोषियों को बख्शा नहीं जाना चाहिए। उत्तरी महाराष्ट्र के जलगांव में ‘लखपति दीदी सम्मेलन’ में बोलते हुए मोदी ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने कहा, “माताओं, बहनों और बेटियों की सुरक्षा देश की प्राथमिकता है। मैंने लाल किले से इस मुद्दे को बार-बार उठाया है।” मोदी ने कहा कि वह हर राजनीतिक दल और राज्य सरकार से कहेंगे कि महिलाओं के खिलाफ़ अपराध अक्षम्य पाप है। उन्होंने कहा कि जो भी दोषी है, उसे बख्शा नहीं जाना चाहिए।