एकनाथ शिंदे के मंत्री तानाजी सावंत ने कहा कि मैं एक कट्टर शिवसैनिक हूं। मेरा जीवन में कभी भी कांग्रेस और एनसीपी से मेल नहीं हुआ। आज भी जब मैं कैबिनेट बैठक में शामिल होता हूं, तो बाहर आकर मुझे उल्टी होने लगती है। सावंत के इस बयान के बाद अजित पवार की पार्टी एनसीपी आक्रामक हो गई है और उसने सत्ता से बाहर आने की सीधी चेतावनी दी है।
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और शिवसेना नेता तानाजी सावंत ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को लेकर विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने कहा कि उनका एनसीपी (अजित पवार गुट) से कभी मेल नहीं हुआ। इतना ही नहीं, उन्होंने यहां तक कह दिया कि एनसीपी के साथ बैठने पर मुझे उल्टी आने लगती है। मैं उन्हें कभी बर्दाश्त नहीं कर सकता। अब कहा जा रहा है कि इस बयान को लेकर महायुति में नया विवाद शुरू हो सकता है।
तानाजी सावंत ने क्या कहा?
तानाजी सावंत ने धाराशिव (उस्मानाबाद) में एक बैठक के दौरान कहा, “मैं एक कट्टर शिवसैनिक हूं, जो भी कट्टर शिवसैनिक होता है, वह कभी भी कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस के साथ नहीं बैठ सकता। शुरू से आज तक, साथ बैठने से मुझे अस्वस्थ महसूस होता है। मैं इसे शुरू से ही बर्दाश्त नहीं कर सकता क्योंकि हमारे विचार पूरी तरह से अलग हैं, इसमें कोई शक नहीं है। आज भी, जब मैं कैबिनेट की बैठक में जाता हूं, तो बाहर आकर उल्टी हो जाती है, यह सच है क्योंकि विचार अचानक एक दिन में नहीं बदल सकते। यह नहीं हो सकता कि हम हमेशा अलग रहे और अचानक कह दें कि चलो सब कुछ भूलकर एक साथ काम करते हैं… ऐसा नहीं हो सकता। यह सच्चाई है।”
एनसीपी आक्रामक हो गई
तानाजी सावंत के बयान के बाद अजित पवार की पार्टी एनसीपी आक्रामक हो गई है और उसने सत्ता से बाहर आने की सीधी चेतावनी दी है। एनसीपी ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से इस पर जवाब मांगा है। अजित पवार गुट से एमएलसी अमोल मिटकरी ने कहा, “तानाजी सावंत को यह नहीं पता कि उन्हें उल्टी क्यों हो रही है। तानाजी सावंत स्वास्थ्य मंत्री हैं और उनका स्वास्थ्य इससे जुड़ा हो सकता है। लेकिन अगर उन्हें महागठबंधन में होने के कारण उल्टी हो रही है, तो इसका कारण एकनाथ शिंदे ही बता सकते हैं।”
‘हमें सत्ता की लालसा नहीं है’
एनसीपी के मुख्य प्रवक्ता उमेश पाटिल ने कहा है कि तानाजी सावंत के इस बयान को सुनने से अच्छा है कि हम सत्ता से बाहर हो जाएं। हमें सत्ता की लालसा नहीं है, एनसीपी महागठबंधन में तानाजी सावंत के कारण नहीं है। बल्कि, तानाजी सावंत आज महागठबंधन के कारण मंत्री बने हैं। लेकिन अगर वह इस तरह से बात करेंगे, तो मैं पार्टी नेतृत्व से अनुरोध करता हूं कि इससे बाहर निकलना ही बेहतर होगा।
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