इस आदेश के खिलाफ, हेमंत सोरेन ने झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिस पर बुधवार को उनके वकील पियूष चित्रेश, दीपांकर रॉय और श्रेय मिश्र ने सुनवाई के दौरान तर्क दिए।
रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बुधवार को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली। कोर्ट ने उन्हें ED द्वारा जारी समन के उल्लंघन से संबंधित मामले में रांची के MP-MLA स्पेशल कोर्ट में व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट दे दी।
न्यायमूर्ति अनिल कुमार चौधरी की बेंच ने इस पर ED को नोटिस जारी किया और उसे जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 16 दिसंबर को तय की गई है। MP-MLA स्पेशल कोर्ट ने 25 नवंबर को सोरेन की याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें उन्होंने व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट की मांग की थी, और उन्हें 4 दिसंबर को पेश होने का आदेश दिया था।
हेमंत सोरेन ने इस आदेश के खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर उनके वकील पियूष चित्रेश, दीपांकर रॉय और श्रेय मिश्र ने बुधवार को सुनवाई के दौरान तर्क दिए।
ED ने हेमंत सोरेन के खिलाफ 19 फरवरी, 2024 को CJM कोर्ट में शिकायत दर्ज की थी। इसमें एजेंसी ने बताया था कि हेमंत सोरेन को भूमि घोटाले में पूछताछ के लिए दस समन भेजे गए थे, लेकिन वह केवल दो समनों पर ही पेश हुए। यह PMLA (मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम) की धारा 63 और IPC की धारा 174 के तहत अवैध है।
कोर्ट ने 4 मार्च को मामले पर संज्ञान लिया और बाद में यह मामला MP-MLA स्पेशल कोर्ट को सौंप दिया। इसके बाद, हेमंत सोरेन ने 5 जुलाई को याचिका दायर की और उनसे समन की अवमानना के आरोप में व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट देने की मांग की।
MP-MLA स्पेशल कोर्ट के जज सार्थक शर्मा की अदालत ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी।
ED ने पहली बार हेमंत सोरेन को 14 अगस्त 2023 को रांची के बार्गेन जोन भूमि घोटाले से संबंधित मामले में पेश होने का समन भेजा था। इसके बाद, 19 अगस्त, 1 सितंबर, 17 सितंबर, 26 सितंबर, 11 दिसंबर, 29 दिसंबर 2023, 13 जनवरी, 22 जनवरी और 27 जनवरी 2024 को उन्हें समन भेजे गए। दसवें समन पर, उन्हें 31 जनवरी को पूछताछ के लिए पेश किया गया और उसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।