टोंक हिंसा: बुधवार को टोंक जिले में उपचुनाव के दौरान एक मतदान केंद्र के बाहर हिंसा भड़क गई। मीना के समर्थकों और पुलिस के बीच जमकर हंगामा हुआ। समर्थकों पर पुलिस टीम पर पत्थर फेंकने का आरोप भी है।
नरेश मीना, जिन्होंने बुधवार को टोंक जिले के उपचुनाव के दौरान एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मारा था, को पुलिस ने हिरासत में लिया है। पुलिस ने आज समरवता गांव में पहुंचकर उन्हें हिरासत में लिया (नरेश मीना हिरासत में)। इस दौरान नरेश मीना ने कहा था कि वह आत्मसमर्पण नहीं करेंगे, लेकिन पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया। पहले, मीना ने पूरे घटना के लिए पुलिस को दोषी ठहराया था।
बुधवार रात को टोंक के डीडोली यूनियारा विधानसभा क्षेत्र में नरेश मीना के समर्थकों ने हंगामा किया और पुलिसकर्मियों पर पत्थर फेंके। मीना के समर्थकों ने कई वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया था। मीना और उनके समर्थकों को प्रदर्शन स्थल से हटाने को लेकर भी हंगामा हुआ था।
गुरुवार को पुलिस ने नरेश मीना को गिरफ्तार करने का फैसला किया और भारी पुलिस बल तैनात किया गया। नरेश मीना के गांव में तनाव था, लेकिन पुलिस ने गांव में घुसकर उन्हें गिरफ्तार किया। पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले फेंकने पड़े।
नरेश मीना कौन हैं?
नरेश मीना ने कांग्रेस पार्टी को छोड़कर डीडोली-यूनियारा विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतरे हैं। बुधवार को मतदान के दौरान उन्होंने मालपुरा के एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मारा था, जो चुनावी ड्यूटी पर थे। इस घटना के समय चौधरी समरवता गांव के लोगों को वोट डालने के लिए समझा रहे थे। चौधरी राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) के अधिकारी हैं।
मीना ने प्रशासन को चुनौती दी और गांव में एक विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। उन्होंने बड़ी संख्या में समर्थकों के साथ समरवता गांव में डंडे लेकर दबाव बनाने के लिए सभा की थी।
टोंक में उपचुनाव के दौरान भारी बवाल
बुधवार को टोंक जिले के उपचुनाव के दौरान जबरदस्त हंगामा हुआ। मीना के समर्थकों और पुलिस के बीच टकराव हुआ, जिसके बाद पुलिस को नियंत्रण पाने के लिए आंसू गैस के गोले फेंकने पड़े और 100 राउंड हवाई फायरिंग भी की गई। इसके बाद कई लोगों को गिरफ्तार किया गया।
नरेश मीना ने कहा, “जो 60 लोग गिरफ्तार किए गए हैं, वे निर्दोष हैं। अगर सजा देनी है तो मुझे देनी चाहिए, गिरफ्तार लोग दोषी नहीं हैं।”
‘जिला कलेक्टर और एसपी जिम्मेदार’
नरेश मीना ने मालपुरा एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मारने के बाद जिला कलेक्टर और एसपी को इस पूरे मामले के लिए जिम्मेदार ठहराया।
पत्थरबाजी, आगजनी और पुलिस की कार्रवाई
बुधवार को उपचुनाव के दौरान टोंक जिले के एक मतदान केंद्र के बाहर हिंसा फैल गई थी। मीना के समर्थक और पुलिस के बीच भारी टकराव हुआ था, जिसमें समर्थकों पर पुलिस पर पत्थर फेंकने और आगजनी करने का आरोप है। इस दौरान पुलिस को आंसू गैस के गोले फेंकने पड़े और 100 राउंड हवाई फायरिंग की गई।