अल्मोड़ा बस दुर्घटना: उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में सोमवार को एक बस गहरी खाई में गिरने से 36 यात्रियों की मौत हो गई और 27 अन्य घायल हो गए। घायलों में से 4 की हालत गंभीर है।
अल्मोड़ा: ‘खटक’ की आवाज आई और बस का नियंत्रण खो गया, फिर वह गहरी खाई में गिर गई… 43 सीटों वाली बस में 63 यात्री सवार थे जो उत्तराखंड के पौड़ी जिले के नैनीडांडा ब्लॉक के बारातकीनाथ से रामनगर, नैनीताल जा रही थी। जब बस कूपी गांव के पास पहुंची, तो बस की स्प्रिंग बेल्ट टूटने की आवाज आई और अगले ही पल बस 200 मीटर गहरी खाई में गिर गई। इस दुर्घटना में 36 लोग अपनी जान गंवा बैठे, जिनमें से 28 लोग मौके पर ही मारे गए और 8 लोगों ने रामपुर अस्पताल में दम तोड़ा। मृतकों में 27 पुरुष और 9 महिलाएं शामिल हैं। दुर्घटना में 27 लोग घायल भी हुए हैं।
‘खटक’ की आवाज आई और बस गहरी खाई में गिर गई
बस में सवार यात्रियों ने बताया कि दुर्घटना से पहले बस का माहौल सामान्य था। कुछ लोग आपस में बात कर रहे थे, कुछ महिलाएं अपने मोबाइल फोन में व्यस्त थीं। इस दौरान जब बस कूपी गांव के पास पहुंची, तो यहां का रास्ता काफी खराब था। इस कारण बस की गति भी कम हो गई थी। बस में अधिक सवारी सवार थीं और कुछ लोग खड़े भी थे। इसी बीच जब बस एक मोड़ से मुड़ी, तो ‘खटक’ की आवाज आई। यात्रियों को लगा कि रास्ता खराब होने के कारण कुछ गिरेगा। लेकिन अगले ही पल बस ड्राइवर के नियंत्रण से बाहर हो गई और पलभर में बस खाई में गिर गई। इस दौरान कुछ लोग जो बस के दरवाजे पर लटक रहे थे, वे बाहर फेंके गए और गिर पड़े। बाकी लोग बस के साथ 200 मीटर गहरी खाई में गिर गए।
प्रियजन को खोने का दुख… आंसू नहीं थम रहे
इस दुर्घटना में किसी ने अपने पति को खो दिया, किसी ने अपने पिता को, तो किसी ने अपनी मां को। बस में सवार मनोज और चारु रामनगर अपनी दो साल की बेटी शिवानी के साथ जा रहे थे। लेकिन चारु इस दुर्घटना में जान गंवा बैठीं। मासूम शिवानी ने अपनी मां को खो दिया। शिवानी को गंभीर चोटें आईं और वह अस्पताल में भर्ती है, जहां वह ‘मम्मी-मम्मी’ कहकर रो रही है। वहीं, दिगोलिखाल के निवासी भूपाल सिंह की आंखों में भी आंसू नहीं रुक रहे। उनके बेटे प्रवीण, जो दिल्ली में एक सॉफ़्टवेयर कंपनी में इंजीनियर थे, अपनी पत्नी के साथ दिवाली की छुट्टियां मनाने घर आए थे। छुट्टियां खत्म होने के बाद जब वह दिल्ली वापस जा रहे थे, तो प्रवीण और उनकी पत्नी भी इस दुर्घटना में अपनी जान गंवा बैठे।
10 महिलाएं और 28 पुरुषों की मौत
दुर्घटना स्थल से प्राप्त तस्वीरें दुर्घटना के भयावह दृश्य को दिखाती हैं। बस एक जंगली इलाके में चट्टानी ढलान से लुड़कते हुए एक छोटे से नाले के पास रुकी। कुछ तस्वीरों में बचावकर्मी बस से यात्रियों को बाहर निकालने की कोशिश करते हुए दिखाई दे रहे हैं। बचाव कार्य लगभग पांच घंटे तक चला। इस दुर्घटना में 10 महिलाएं और 28 पुरुषों की मौत हो गई। 28 लोग मौके पर ही मारे गए, जबकि 8 लोगों की मौत राम दत्त जोशी संयुक्त अस्पताल, रामनगर में हुई। दुर्घटना के बाद पौड़ी और अल्मोड़ा के सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है और मामले में मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए गए हैं।
प्रशासन ने स्वीकार किया कि बस अधिक लोडेड थी
गढ़वाल मोटर ओनर्स एसोसिएशन द्वारा संचालित यह बस रामनगर, कुमाऊं के लिए जा रही थी, जो पौड़ी जिले से लगभग 250 किलोमीटर दूर है। जिला मजिस्ट्रेट आलोक कुमार पांडे ने बताया कि दुर्घटना सुबह लगभग 8 बजे हुई। उन्होंने कहा कि बस अपने गंतव्य रामनगर से सिर्फ 35 किलोमीटर दूर थी, जब वह अल्मोड़ा के मार्चुला क्षेत्र में 200 मीटर गहरी खाई में गिर गई। अल्मोड़ा जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी विनीत पाल ने बताया कि घायल यात्रियों को पहले रामनगर के निकटतम अस्पताल में लाया गया, जहां से छह को एअरलिफ्ट कर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ऋषिकेश भेजा गया और दो को हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल भेजा गया। पाल के अनुसार, दुर्घटना के समय बस में 63 लोग सवार थे, जबकि इसकी क्षमता 43 सीटों की थी। उन्होंने कहा कि बस में यात्री क्षमता से अधिक लोग सवार थे, जो दुर्घटना का कारण हो सकता है।