हरियाणा समाचार: 17 अक्टूबर को वाल्मीकि जयंती है। ऐसा माना जा रहा है कि दलितों को संदेश देने के लिए हरियाणा में नई बीजेपी सरकार 17 अक्टूबर को शपथ लेगी।
हरियाणा समाचार: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) हरियाणा में तीसरी बार सरकार बनाने के लिए तैयार है। 17 अक्टूबर को नई बीजेपी सरकार के शपथ ग्रहण की प्रक्रिया होगी। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई केंद्रीय मंत्री तथा बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल होंगे। हालांकि, तारीख बार-बार बदलने के बाद, बीजेपी ने आखिरकार 17 अक्टूबर को शपथ ग्रहण की तारीख तय की है।
8 अक्टूबर को घोषित हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणामों में बीजेपी को बहुमत मिला था। शुरुआत में यह चर्चा थी कि शपथ ग्रहण दशहरे के बाद 15 अक्टूबर को हो सकता है, लेकिन तारीख को बदलकर बीजेपी ने 17 अक्टूबर को शपथ ग्रहण की तारीख तय की। तो आइए, अब समझते हैं कि बीजेपी ने इस दिन को क्यों चुना है।
17 अक्टूबर को शपथ ग्रहण क्यों? 17 अक्टूबर को वाल्मीकि जयंती है। ऐसा माना जा रहा है कि इस दिन शपथ ग्रहण करके बीजेपी दलित समुदाय को एक संदेश देना चाहती है। वैसे भी, हरियाणा को जाटलैंड कहा जाता है, और बीजेपी ने अक्सर गैर-जाट राजनीति को महत्व दिया है। किसान-पहलवान जैसे मुद्दों के बाद जाटों में बीजेपी के खिलाफ गुस्सा देखा गया था। ऐसे में बीजेपी ने गैर-जाट राजनीति के साथ-साथ अन्य समाज वर्गों को भी महत्व दिया, और इसका नतीजा था कि पार्टी ने राज्य में तीसरी बार जीत हासिल की। इसलिए 17 अक्टूबर को शपथ ग्रहण को वाल्मीकि जयंती के माध्यम से दलितों को एक संदेश के रूप में देखा जा रहा है।
इसके साथ ही, यह भी समझा जा सकता है कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित 17 सीटों में से 8 सीटें जीतीं, जो राज्य की जनसंख्या का लगभग 20 प्रतिशत हैं, जबकि राज्य के अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) मतदाता करीब 30 प्रतिशत हैं। बीजेपी के चुनावी चेहरे राज्य के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी थे, जो OBC समुदाय से आते हैं।