पाकिस्तान-चीन समाचार: बलूच लिबरेशन आर्मी ने एक बार फिर कराची में बड़ा हमला किया है। इसका प्रतिध्वनि चीनी राजधानी बीजिंग में भी सुनाई दी। दरअसल, इस हमले में कई चीनी नागरिकों की मौत की भी खबर है। इससे पाकिस्तान में चीनी निवेश को लेकर तनाव बढ़ना तय है।
रविवार रात पाकिस्तान के बंदरगाह शहर कराची में एक बड़ा हमला हुआ। दो चीनी नागरिकों की मौत ने देश में खलबली मचा दी है। पाकिस्तान में चीनी दूतावास ने कहा कि कई पाकिस्तानी सुरक्षा कर्मियों की भी मौत हुई है और कई घायल हुए हैं। यह धमाका रविवार रात लगभग 11 बजे हुआ। मृतकों की कुल संख्या अभी स्पष्ट नहीं है। इस हमले ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की चिंता को और बढ़ा दिया है क्योंकि चीन ने पाकिस्तान में भारी निवेश किया हुआ है।
चीनी नागरिक थे निशाने पर
इस हमले में पाकिस्तान के सिंध प्रांत में एक पावर प्रोजेक्ट पर काम कर रहे चीनी इंजीनियरों के काफिले को निशाना बनाया गया था। कराची के जिन्ना इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास एक विशाल विस्फोट हुआ। इसे देश का सबसे बड़ा हवाई अड्डा माना जाता है। विद्रोही समूह बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। पिछले कुछ वर्षों में, BLA ने कई बार चीनी नागरिकों को निशाना बनाते हुए हमले किए हैं।
सोमवार को BLA ने एक बयान में कहा कि हमने चीनी इंजीनियरों और निवेशकों के एक महत्वपूर्ण काफिले को निशाना बनाया।
दूसरी ओर, चीनी दूतावास ने कहा कि जिन इंजीनियरों की मौत हुई थी, वे चीनी वित्त पोषित पोर्ट कासिम पावर जनरेशन कंपनी के हिस्से थे, जो कराची के पास पोर्ट कासिम में दो कोयला पावर प्लांट बना रही है। यह संयंत्र चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे का हिस्सा है। चीनी दूतावास ने सोमवार को पाकिस्तान में मौजूद अपने नागरिकों और चीनी कंपनियों से सतर्क रहने की अपील की है।
विद्रोही क्या चाहते हैं?
पाकिस्तान में बलूच समूह लंबे समय से एक अलग देश की मांग कर रहा है। इस संगठन का कहना है कि विदेशी निवेशक इस क्षेत्र में पैसा बना रहे हैं, लेकिन स्थानीय बलूचों को उनके अधिकार नहीं मिल रहे हैं।
पाकिस्तान में हजारों चीनी श्रमिक काम कर रहे हैं, जिनमें से अधिकांश चीन की अरबों डॉलर की ‘बेल्ट एंड रोड’ पहल के तहत काम कर रहे हैं, जिसे दक्षिण और मध्य एशिया को चीनी राजधानी से जोड़ने के लिए शुरू किया गया है। हमले की वीडियो में गाड़ियों से उठती आग और धुएं को दिखाया गया है। घटनास्थल पर बड़ी संख्या में सैनिक तैनात थे और इलाके को चारों ओर से घेर लिया गया था। चीन के बयान में इस विस्फोट को ‘आतंकी हमला’ बताया गया है और कहा गया है कि इस स्थिति से निपटने के लिए चीन पाकिस्तान के साथ मिलकर काम कर रहा है।
सिविल एविएशन विभाग के कर्मचारी राहत हुसैन ने कहा कि विस्फोट इतना जबरदस्त था कि इससे हवाई अड्डे की इमारतें भी हिल गईं।