रामनाथ कोविंद की ‘एक देश, एक चुनाव’ पर रिपोर्ट को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इसके बाद, देश में एक चुनाव कराने का मार्ग थोड़ी आसान हो गई है।
मोदी कैबिनेट ने आज ‘एक देश, एक चुनाव’ प्रस्ताव को मंजूरी दी है। सूत्रों के अनुसार, रामनाथ कोविंद की रिपोर्ट को कैबिनेट ने स्वीकृति दी। इससे देश में एक साथ चुनाव कराने का रास्ता सरल हुआ है। पहले, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने के अवसर पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरकार की उपलब्धियों की सूची जारी की थी।
कब बनी समिति: मोदी सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में ‘एक देश, एक चुनाव’ पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक समिति बनाई थी।
समिति की जिम्मेदारी: रामनाथ कोविंद समिति को देश में एक साथ चुनाव कराने की संभावनाओं पर रिपोर्ट देने की जिम्मेदारी दी गई थी।
समिति ने कब रिपोर्ट प्रस्तुत की: समिति ने इस वर्ष मार्च में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की।
कैबिनेट का निर्णय: इस रिपोर्ट पर मोदी कैबिनेट की बैठक में चर्चा हुई और इसे सिद्धांत रूप में मंजूरी दी गई।
गृह मंत्री शाह का बयान: हाल ही में, शाह ने भी इस कार्यकाल में ‘एक देश, एक चुनाव’ को लागू करने की बात की थी।
समिति की सिफारिशें:
- पहले चरण में सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव लोकसभा के साथ होने चाहिए।
- दूसरे चरण में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के साथ स्थानीय निकाय चुनाव होने चाहिए।
- पूरे देश में सभी चुनावों के लिए एक ही मतदाता सूची होनी चाहिए।
- सभी के लिए मतदाता आईडी कार्ड एक समान होना चाहिए।
- गृह मंत्री ने ‘एक देश, एक चुनाव’ के लिए भी समर्थन दिया है।
इस दौरान, केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने एक बड़ा ऐलान किया और कहा कि इस कार्यकाल में ‘एक देश, एक चुनाव’ लागू किया जाएगा। बता दें कि बीजेपी ने भी अपने घोषणा पत्र में इसका वादा किया था। हाल ही में, स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर, पीएम मोदी ने अपने भाषण में ‘एक देश, एक चुनाव’ का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई थी, जिसने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की है। इस कार्यकाल में ‘एक देश, एक चुनाव’ होगा।
लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने की बात चल रही है। हालांकि, कई राजनेता ‘एक देश, एक चुनाव’ के पक्ष में नहीं हैं, इसलिए वे इसके खिलाफ हैं। इसी समय, ‘एक देश, एक चुनाव’ वर्तमान सरकार के एजेंडे में शामिल है और इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने समिति का गठन किया। समिति द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट को कैबिनेट ने मंजूरी दी है। हालांकि, इसके कार्यान्वयन के लिए एक लंबी प्रक्रिया है।