वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को सोमवार दोपहर लोकसभा में प्रस्तुत किया गया। केंद्रीय संसदीय मामले मंत्री किरण रिजिजु ने इसे प्रश्नकाल के बाद सदन में चर्चा के लिए प्रस्तुत किया। स्पीकर ओम बिरला ने इस विधेयक पर चर्चा के लिए 8 घंटे का समय निर्धारित किया है। इसमें से 4 घंटे 40 मिनट एनडीए को और शेष समय विपक्ष को दिया गया है।

लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक प्रस्तुत करने के बाद किरण रिजिजु ने कहा- ‘दिल्ली में 1970 से एक मामला चल रहा है, जिसमें सीजीओ कॉम्प्लेक्स और संसद भवन सहित कई संपत्तियां शामिल हैं। दिल्ली वक्फ बोर्ड ने इन संपत्तियों को वक्फ संपत्ति के रूप में वर्णित किया था। यह मामला अदालत में था, लेकिन उस समय यूपीए सरकार ने 123 संपत्तियों को डीनोटिफाई कर वक्फ बोर्ड को सौंप दिया था। अगर आज हम इस संशोधन को प्रस्तुत नहीं करते, तो जिस संसद भवन में हम बैठें हैं, उसे भी वक्फ संपत्ति के रूप में दावा किया जा सकता था। यदि पीएम मोदी सरकार सत्ता में नहीं आई होती, तो कई संपत्तियों को डीनोटिफाई कर दिया जाता।’

वक्फ संशोधन विधेयक पर 25 राज्यों से चर्चा – किरण

किरण रिजिजु ने कहा, ‘मैं कहना चाहता हूं कि दोनों सदनों की संयुक्त समिति में वक्फ संशोधन विधेयक पर जो चर्चा हुई है, वह अब तक भारत के संसदीय इतिहास में कभी नहीं हुई है। मैं संयुक्त समिति के सभी सदस्यों का धन्यवाद और बधाई देता हूं। अब तक विभिन्न समुदायों के राज्य धारकों के कुल 284 प्रतिनिधिमंडलों ने समिति के सामने अपने विचार और सुझाव प्रस्तुत किए हैं। 25 राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के वक्फ बोर्डों ने भी अपनी प्रस्तुतियां दी हैं।’

रिजिजु ने कहा – 2006 में देश में 4.9 लाख वक्फ संपत्तियां थीं

किरण रिजिजु ने कहा कि यदि देश में इतनी वक्फ संपत्तियां हैं, तो हम उन्हें बेकार नहीं जाने देंगे। इन्हें गरीब मुसलमानों और अन्य मुसलमानों के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए। हमने रिकॉर्ड देखे हैं। सच्चर समिति ने भी इस पर विस्तार से उल्लेख किया है। 2006 में देश में 4.9 लाख वक्फ संपत्तियां थीं। उनकी कुल आय 163 करोड़ थी। 2013 में बदलाव के बाद आय बढ़कर 166 करोड़ हो गई। 10 साल के बाद भी 3 करोड़ की ही वृद्धि हुई। हम इसे स्वीकार नहीं कर सकते।

By Pragati

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