लोकसभा में ‘एक देश-एक चुनाव’ विधेयक पेश किया गया है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इस विधेयक को पेश किया।

लोकसभा में ‘एक देश-एक चुनाव’ विधेयक: लोकसभा में ‘एक देश-एक चुनाव’ विधेयक पेश किया गया है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इस विधेयक को पेश किया। विधेयक पेश होते ही कांग्रेस, समाजवादी पार्टी समेत कई विपक्षी दलों ने इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।

इस विधेयक को ‘संविधान (129वां संशोधन) विधेयक 2024’ नाम दिया गया है। जैसे ही यह विधेयक पेश हुआ, विपक्ष ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया।

कांग्रेस-एसपी-टीएमसी ने किया विरोध

कांग्रेस के सांसद मनीष तिवारी ने लोकसभा में इस विधेयक का विरोध किया। उन्होंने कहा, “मैं संविधान संशोधन विधेयक 129 का विरोध करता हूं। इस सदन से निवेदन है कि इसे तुरंत वापस लिया जाए।”

समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेन्द्र यादव भी इस विधेयक का विरोध करते हुए दिखे। उन्होंने कहा, “जो लोग संविधान की बात करते हैं, वही आज संविधान के खिलाफ जा रहे हैं। वे संविधान की मूल भावना को नष्ट कर रहे हैं। इसके अलावा, उनके पास कोई और काम नहीं है।” इसके अलावा ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी भी इस विधेयक के समर्थन में नहीं है। टीएमसी के सांसद कालीचरण बनर्जी ने लोकसभा में इस विधेयक का विरोध करते हुए कहा, “यह प्रस्तावित विधेयक संविधान की मूल संरचना पर हमला करता है। इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। राज्य विधानसभाएं संसद के अधीन नहीं हैं। राज्य विधानसभाओं को कानून बनाने का अधिकार है। इस विधेयक से राज्य विधानसभाओं की स्वायत्तता समाप्त हो जाएगी। यह चुनाव सुधार नहीं है, बल्कि केवल एक व्यक्ति की इच्छा को पूरा करने के लिए है।”

कौन है समर्थन में, कौन है विरोध में?

लोकसभा में पेश होने से पहले इस विधेयक को केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी मिल चुकी थी। विधेयक पेश होने से पहले इस पर काफी चर्चा हो चुकी थी। कई दलों ने अपने रुख को स्पष्ट किया था। कई दलों ने इस विधेयक का समर्थन किया है। इनमें नीतीश कुमार की जदयू और चंद्रबाबू नायडू की तेदेपा शामिल हैं, जो एनडीए का हिस्सा हैं और विधेयक के समर्थन में हैं। इसके अलावा, वाईएसआर कांग्रेस ने भी ‘एक देश-एक चुनाव’ का समर्थन किया है। मायावती भी इस विधेयक के पक्ष में हैं।

हालांकि, कांग्रेस-एसपी के अलावा कई विपक्षी दल पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि वे इस विधेयक के खिलाफ हैं। इनमें टीएमसी, आरजेडी, पीडीपी समेत कई दल शामिल हैं।

By Pragati

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