दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। अब दिल्ली और आसपास के इलाकों में 10वीं और 12वीं कक्षाओं के स्कूल भी बंद होंगे।

दिल्ली वायु प्रदूषण: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर बड़ा निर्णय लिया है। अब 10वीं और 12वीं कक्षा के स्कूलों को भी बंद किया जाएगा। इससे पहले दिल्ली सरकार ने ग्रेप-4 लागू किया था, जिसके तहत कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों के लिए स्कूल बंद करने का आदेश जारी किया गया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने 10वीं और 12वीं कक्षा के स्कूलों को भी बंद करने के निर्देश दिए हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि 12वीं तक की सभी कक्षाएं केवल ऑनलाइन मोड में चलेंगी। कोर्ट ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों को तुरंत स्कूलों की बंदी और कार्य समय में उपयुक्त बदलाव करना चाहिए, ताकि आम जनता को राहत मिल सके। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि ये कदम तब भी लागू रहेंगे, अगर AQI का स्तर 450 से नीचे चला जाता है। सुप्रीम कोर्ट वायु प्रदूषण के मुद्दे को लेकर गंभीर है और सोमवार को सुनवाई के दौरान उसने दिल्ली सरकार की खिंचाई भी की।

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को लताड़ा

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा कि राजधानी में ट्रकों के प्रवेश को कौन रोकने वाला है और यह कैसे सुनिश्चित किया जाएगा कि ट्रक आवश्यक वस्तुएं ही ले कर आ रहे हैं। इस पर वकील ने कहा कि ट्रैफिक पुलिस इसे चेक करती है और उनके पास आवश्यक वस्तुओं की सूची होती है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया गया है, तो कौन इसकी निगरानी कर रहा है? क्या कोई साइट पर जाकर जांच कर रहा है? वकील गोपाल शंकरनारायणन ने कोर्ट को बताया कि सुप्रीम कोर्ट परिसर में भी निर्माण कार्य हो रहा है। पत्थर तोड़े जा रहे हैं और धूल हवा में उड़ रही है।

सुप्रीम कोर्ट के सचिव जनरल को भी तलब किया

इस पर न्यायमूर्ति ओका ने गंभीरता दिखाते हुए सुप्रीम कोर्ट के सचिव जनरल को तलब किया। उन्होंने कहा कि हम राज्यों को निर्देश देंगे कि वे एक समिति बनाएं और यह सुनिश्चित करें कि कोई भी निर्माण कार्य न हो। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को आदेश दिया कि वह यह सुनिश्चित करें कि निर्माण कार्य पूरी तरह से रोक दिया जाए। कोर्ट ने कहा कि जैसे ही AQI 401 को पार हुआ था, दिल्ली सरकार को तुरंत GRAP 3 लागू कर देना चाहिए था। आपने इसे लागू करने में 24 घंटे क्यों इंतजार किया?

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से भी पूछे सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से भी सवाल किए। कोर्ट ने पूछा कि मौसम विभाग की भविष्यवाणियों पर क्यों भरोसा किया गया? एक बार जब AQI 300 को पार कर गया, तो GRAP 3 को लागू कर देना चाहिए था। केंद्र सरकार ने कहा कि इस साल मौसम की स्थिति अलग रही। पश्चिमी विक्षोभ था और इस वजह से तापमान में अचानक गिरावट आई। इस पर कोर्ट ने कहा कि अनुमान लगाने की बजाय, आपको AQI के बढ़ने का इंतजार नहीं करना चाहिए था। AQI 418 तक पहुंचने के बाद भी केंद्र सरकार ने GRAP 3 को लागू करने में एक दिन का इंतजार क्यों किया?

यह कदम वायु प्रदूषण के खिलाफ एक सख्त कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है, और सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को लेकर दिल्ली सरकार और केंद्र दोनों पर सवाल उठाए हैं।

By Pragati

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