नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पाकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में भाग लिया। इस दौरान एस. जयशंकर ने SCO बैठक को संबोधित भी किया। अपने संबोधन में एस. जयशंकर ने विशेष रूप से आतंकवाद को समाप्त करने पर जोर दिया। आपको बता दें कि शंघाई सहयोग संगठन (SCO) एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जिसका उद्देश्य युरेशिया में राजनीतिक, आर्थिक और सैन्य सहयोग को बढ़ावा देना है। इसे 2001 में चीन, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज़्बेकिस्तान के नेताओं द्वारा स्थापित किया गया था।
- एस. जयशंकर ने SCO बैठक में चीन और पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए कहा कि सहयोग पारस्परिक सम्मान और संप्रभु समानता पर आधारित होना चाहिए; इसे क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता को स्वीकार करना चाहिए।
- विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने समूह के चार्टर के प्रति प्रतिबद्धता की महत्वता को रेखांकित किया ताकि सहयोग के लाभ मिल सकें। उन्होंने कहा कि यह बहुत जरूरी है कि हम इन चीजों का ध्यान रखें।
- SCO बैठक में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि प्रौद्योगिकी में बहुत संभावनाएं हैं, लेकिन इसके साथ ही कई चिंताएं भी उठती हैं।
- उन्होंने कहा कि कर्ज एक गंभीर चिंता का विषय है, दुनिया सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में पिछड़ रही है।
- एस. जयशंकर ने कहा कि हम ऐसे समय में मिल रहे हैं जब दुनिया एक कठिन दौर से गुजर रही है; दो बड़े संघर्ष चल रहे हैं, जिनका असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा।
- एस. जयशंकर ने पाकिस्तान की ज़मीन से आतंकवाद पर पाकिस्तान और चीन को करारा जवाब देते हुए कहा कि आतंकवाद आज मानवता के लिए सबसे बड़ी चुनौती है।
- उन्होंने कहा कि आतंकवाद को हर कीमत पर समाप्त करना जरूरी है। कोई भी देश आतंकवाद को समाप्त किए बिना विकास की कल्पना नहीं कर सकता।
- विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने CPEC की ओर इशारा करते हुए कहा कि अगर हम केवल दुनिया के चयनित प्रथाओं को आगे बढ़ाएंगे, खासकर व्यापार और व्यापार मार्गों के लिए, तो SCO प्रगति नहीं कर सकेगा।