लालू प्रसाद यादव रविवार को पटना से दिल्ली के लिए रवाना हुए। सोमवार को उन्होंने दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में भूमि के बदले नौकरी मामले में पेशी दी।
लालू यादव परिवार को भूमि के बदले नौकरी घोटाले में दिल्ली की अदालत से बड़ी राहत मिली है। दरअसल, राउज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले में लालू परिवार को जमानत दी है। आज (सोमवार) सुबह 10 बजे लालू परिवार दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुआ। लालू यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव भी अदालत में मौजूद थे।
किस शर्त पर मिली जमानत
लालू यादव सहित सभी 9 आरोपियों को जमानत दी गई। अदालत ने सभी को 1 लाख रुपये के व्यक्तिगत बंधन पर जमानत दी। सभी को अपना पासपोर्ट सरेंडर करना होगा और अनुमति के बिना यात्रा नहीं कर सकते। इसके साथ ही सभी को आरोपपत्र की एक प्रति भी देनी होगी। अब इस मामले की अगली सुनवाई 25 अक्टूबर को होगी। तेजप्रताप यादव पहली बार इस मामले में अदालत में पेश हुए। ED ने आरोपियों के खिलाफ 6 अगस्त को एक पूरक आरोपपत्र दाखिल किया था। इस आरोपपत्र में ED ने 11 आरोपियों के नाम दिए थे, जिनमें से तीन की मौत हो चुकी है। हालांकि, अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह प्रतीत होता है कि लालू के बड़े बेटे भी इस घोटाले में शामिल हैं।
जमानत मिलने पर तेजस्वी ने क्या कहा
तेजस्वी यादव ने जमानत मिलने के बाद कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर विश्वास है और उन्हें पूरा यकीन है कि इस मामले में सही निर्णय लिया जाएगा। तेजस्वी ने कहा कि यह एक साजिश है, जिसे हम जानते हैं और हमने देखा है कि ED, CBI जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। क्योंकि यह एक राजनीतिक साजिश है और अदालत ने हमें जमानत दी है।
लालू को घोटाले का मास्टरमाइंड बताया गया
ED ने अपनी आरोपपत्र में लालू यादव को इस घोटाले का मास्टरमाइंड बताया है। इनमें से 4 आरोपी की मौत हो चुकी है। अदालत ने कहा कि तेजप्रताप यादव की संलिप्तता को नकारा नहीं किया जा सकता, क्योंकि वह AK Infosys के निदेशक हैं। इसलिए उन्हें आज आरोपी के रूप में पेश किया गया। ED के आरोपपत्र के तहत 9 आरोपियों, जिनमें लालू और तेजप्रताप यादव शामिल हैं, के खिलाफ अदालत ने समन जारी किया है।
लालू प्रसाद यादव पर क्या आरोप हैं
लालू प्रसाद यादव पर आरोप है कि जब वह 2004 से 2009 तक रेलवे मंत्री थे, तब उन्होंने नियमों का उल्लंघन किया और लोगों की ज़मीन उनके नाम पर रजिस्टर्ड करवाई, बदले में उन्हें ‘ग्रुप डी’ में नौकरी दी। कई लोग सामने आकर अपनी बयानबाजी से यह पुष्टि कर चुके हैं कि उस समय के रेलवे मंत्री लालू यादव ने उनकी ज़मीन लेकर उन्हें रेलवे में ग्रुप डी में नौकरी दी थी। इस मामले में 30 आरोपी शामिल हैं।
CBI ने भी मामले में अन्य आरोपियों के खिलाफ जांच की अनुमति मांगी है। इसके लिए मंजूरी जल्द मिलने की उम्मीद है। इससे पहले, 18 सितंबर को पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव सहित अन्य आरोपियों को समन जारी किया गया था। जांच एजेंसी ने राउज एवेन्यू कोर्ट में मंजूरी की प्रति प्रस्तुत की है।