पटना हाईकोर्ट ने गांधी मैदान बम ब्लास्ट मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने चार दोषियों की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है। हालांकि, जिन दो दोषियों को उम्रकैद की सजा दी गई थी, उनकी सजा वही बनी रहेगी।
पटना, बिहार: पीएम मोदी की पटना के गांधी मैदान में हुई रैली के बम ब्लास्ट के चार दोषियों को अब फांसी नहीं दी जाएगी। उनकी सजा को उम्रकैद में बदल दिया गया है। पटना हाईकोर्ट ने इस मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने चार दोषियों की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है। हालांकि, जिन दो दोषियों को उम्रकैद की सजा दी गई थी, उनकी सजा वही रहेगी। सिविल कोर्ट द्वारा गांधी मैदान बम ब्लास्ट मामले में दी गई फांसी की सजा को अब हाईकोर्ट ने उम्रकैद में तब्दील कर दिया है।
हैदर अली, मोजीबुल्ला, नोमान और इम्तियाज को फांसी की सजा सुनाई गई थी। अब पटना हाईकोर्ट ने इन चारों की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है। वहीं, उमर और अजहरुद्दीन की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा गया है। पीड़ित पक्ष के वकील इमरान गनी ने बताया कि हाईकोर्ट ने फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है, जबकि जिन दो आरोपियों को उम्रकैद दी गई थी, उनकी सजा बरकरार रहेगी।
गांधी मैदान में बम धमाके कब हुए थे?
27 अक्टूबर 2013 को पीएम मोदी पटना के गांधी मैदान में हुंकार रैली को संबोधित करने आए थे। उस समय पटना जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर 10 पर स्थित सुलभ शौचालय के पास पहला धमाका हुआ था। इसके बाद गांधी मैदान के अंदर और आसपास 6 जगहों पर बम धमाके हुए थे। इन धमाकों में 6 लोगों की मौत हो गई थी और 89 लोग घायल हो गए थे। इस मामले में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उस समय के गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे से एनआईए जांच की मांग की थी।
दोषियों ने हाईकोर्ट में फांसी की सजा को चुनौती दी थी
2014 में एनआईए ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। 187 लोगों ने कोर्ट में गवाही दी। पटना की निचली अदालत ने इम्तियाज आलम, नुमान अंसारी, हैदर अली और मोजीबुल्ला अंसारी को दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई थी। इसके बाद सभी आरोपियों ने पटना हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और फांसी की सजा को चुनौती दी। अब पटना हाईकोर्ट ने उनकी फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है।