कैंसर का सबसे ज्यादा खतरा किसे है: कुछ लोगों को कैंसर का खतरा दूसरों की तुलना में अधिक होता है। अगर आपका जन्म 1965-1996 के बीच हुआ है, तो आपके लिए कैंसर से बचना मुश्किल हो सकता है। इस लेख में हम आपको इसके कारण बता रहे हैं।
कैंसर के कारण: कैंसर एक घातक बीमारी है, लेकिन इसका परिणाम केवल मौत नहीं है। कैंसर को हराया जा सकता है। इसके चांस तब बढ़ जाते हैं जब आपको कैंसर के कारण और शुरुआती लक्षणों की पहचान करने की समझ हो।
हालिया चिकित्सा शोध के अनुसार, 1965-1980 और 1981-1996 के बीच जन्मे लोग अन्य लोगों की तुलना में कैंसर के अधिक जोखिम में हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें, Gen Z और Millennials पीढ़ी की यह लड़ाई किसी एक कैंसर से नहीं बल्कि 17 प्रकार के कैंसर से है। आइए जानते हैं इसके पीछे का कारण और बचाव के उपाय-
17 प्रकार के कैंसर कौन से हैं
- कोलोरेक्टल कैंसर
- एंडोमेट्रियल कैंसर
- पैनक्रिएटिक कैंसर
- किडनी कैंसर
- लीवर कैंसर
- थायराइड कैंसर
- गॉल ब्लैडर कैंसर
- मल्टीपल मायलोमा
- ब्रेस्ट कैंसर
- ल्यूकेमिया
- नॉन-हॉजकिन लिम्फोमा
- ओवेरियन कैंसर
- गैस्ट्रिक कैंसर
- इसोफेगल कैंसर
- ब्रेन कैंसर
- सर्वाइकल कैंसर
- ओरल और फैरिंजील कैंसर
Gen Z-Millennials को कैंसर का खतरा क्यों है
- शारीरिक गतिविधियों की कमी, खराब आहार, प्रोसेस्ड और फास्ट फूड का सेवन और मोटापा Gen X और Millennials में कैंसर के बढ़ते मामलों का मुख्य कारण हैं।
- वायु प्रदूषण, खाने-पीने में मौजूद रसायन और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से निकलने वाला विकिरण कैंसर के जोखिम को बढ़ा रहे हैं।
- अधिकांश लोग गर्भधारण में देरी कर रहे हैं, जिससे ब्रेस्ट और ओवेरियन कैंसर का खतरा काफी बढ़ गया है।
- Gen X और Millennials में जेनेटिक म्यूटेशन टेस्ट अधिक होते हैं, जिससे कैंसर का जोखिम बढ़ता है।
बचाव के उपाय
एक स्वस्थ जीवनशैली हर बीमारी से बचाव का सबसे बेहतरीन और प्रभावी तरीका है। ऐसे में अपनी खाने की आदतों को सुधारें, शारीरिक गतिविधियां करें। साथ ही नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच कराएं, रसायनिक उत्पादों और प्रदूषित वातावरण से जितना हो सके दूर रहें। अगर आपके परिवार में कैंसर का इतिहास है, तो उसके जोखिम को कम करने के लिए जेनेटिक काउंसलिंग फायदेमंद साबित हो सकती है।