वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक को लेकर पूरे देश में राजनीति गरमाई हुई है। विपक्ष लगातार केंद्र सरकार पर हमला कर रहा है। वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर चर्चा के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठक कल यानी गुरुवार, 22 अगस्त को दिल्ली में संसद भवन एनेक्सी में हुई। लगभग छह घंटे तक चली जेपीसी की बैठक में अधिकांश सदस्य अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की प्रस्तुति से असंतुष्ट नजर आए। बैठक में विपक्षी दलों के सांसदों ने कई मुद्दों पर अपनी नाराज़गी व्यक्त की।सूत्रों के अनुसार, विपक्षी सांसद ने कहा, ‘यह कानून धार्मिक स्वतंत्रता, समानता की स्वतंत्रता, अनुच्छेद 26 और कई अन्य कानूनों का पूर्ण उल्लंघन है।’
इसी के साथ, बिहार में वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक को लेकर राजनीति गरमाई हुई है। बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव लगातार इसका विरोध कर रहे हैं। शुक्रवार को, तेजस्वी यादव ने विभिन्न मुस्लिम संगठनों के अधिकारियों से मुलाकात की। उन्होंने वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक के बारे में उनसे बात भी की। तेजस्वी ने उन्हें यह भी आश्वासन दिया कि वह किसी भी कीमत पर इस विधेयक को संसद में पारित नहीं होने देंगे।
इस संबंध में तेजस्वी यादव ने अपने सोशल मीडिया पर ट्वीट किया। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी और राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद शुरू से ही हर नैतिक मुद्दे पर संवेदनशील रहे हैं और किसी भी धार्मिक मामलों में सरकारी हस्तक्षेप के खिलाफ हैं।
उन्होंने कहा कि ये संशोधन न केवल मुस्लिमों के बल्कि अन्य धर्मों के धार्मिक, व्यावसायिक और संपत्ति के अधिकारों को प्रभावित करेंगे और एक गलत मिसाल कायम करेंगे। हमारी पार्टी इस असंवैधानिक, अनावश्यक प्रस्तावित संशोधन विधेयक का कड़ा विरोध करती है, जिसे मोदी-नीतीश एनडीए द्वारा देश की धर्मनिरपेक्षता को तोड़ने और धार्मिक कट्टरता फैलाने के उद्देश्य से लाया गया है।
तेजस्वी ने कहा कि उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि हम उनके साथ हैं और किसी भी कीमत पर इसे संसद में पारित नहीं होने देंगे और इस लड़ाई को हर मंच पर लड़ेंगे। यह खेदजनक है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस विधेयक का समर्थन कर रहे हैं। तेजस्वी यादव लगातार कई मामलों पर मुख्यमंत्री नीतीश को घेर रहे हैं। उन्होंने एक बार फिर मुख्यमंत्री के समर्थन पर खेद व्यक्त किया है।